नई दिल्ली: पर्यावरण की चिंता पर आज से शुरू हुए 2 दिवसीय सम्मेलन में पीएम मोदी ने नैशनल एयर क्वॉलिटी इंडेक्स लॉन्च किया। इसके साथ ही दिल्ली के विज्ञान भवन से पीएम ने जो संबोधन किया, उसका लब्बोलुआब काफी हद तक 'दादी के नुस्खों' सरीखा था। पीएम ने कहा कि जीवनशैली में बदलाव करके पर्यावरण को बचाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने आज विज्ञान भवर ने एयर क्वॉलिटी इंडेक्स लॉन्च किया। अभी 10 बड़े शहरों के लिए यह लॉन्च किया गया है। लेकिन, सितंबर तक 46 और शहर जुड़ जाएंगे। 10 लाख की आबादी वाले शहरों के लिए यह लॉन्च किया गया है।
पीएम ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा हफ्ते में 1 दिन साइकिल का प्रयोग करें। पूर्णिमा की रात को लाइट बंद करनी चाहिए। जहां उपभोग ज्यादा, वहां प्रकृति को नुकसान ज्यादा होता है। हमें चांदनी रात की खबर नहीं होती और हम प्रकृति से पूरी तरह कट गए हैं...। पौधे में जीवन है, यह बात तो हम सहस्त्रों सालों से मानते आए हैं। रीसाइकिल की बड़ी चर्चा है .. हम तो यही करते आए हैं..। हम अपनी लाइस्टाइल बदलने के लिए तैयार नहीं हैं। हालांकि हम सदियों से प्रकृति की रक्षा करते हुए आगे बढ़े हैं। ग्लोबलवार्मिंग को रास्ता नहीं मिल रहा है, प्रयास बाहरी कर रहे हैं। आज भी प्रति व्यक्ति कार्बन एमिशन में कम से कम कंट्रीब्यूशन हमारा है। गंगा की अपनी ताकत भी है सफाई की। शहर का पानी साफ हो और सिंचाई के लिए मिले। कचरे की रीसाइकलिंग जरूरी है और गांव के लिए पानी की रीसाइकलिंग कर सकते हैं शहर वाले। वेस्ट (waste) से वेल्थ निकालनी होगी। वेस्ट के साथ प्रयोग कर नया बिजनस खड़ा हो। शहरी जनसंख्या प्रकृति से कट गई है। पानी के लिए गांव शहर में संघर्ष हो सकता है। पानी का सही इस्तेमाल जरूरी है.. इसके लिए सहज समझ ही जरूरी है। प्रकृति के लिए हमें और सजग रहना होगा। इसके लिए हमें सौर ऊर्जा पर बल देने की जरूरत है। प्रकृति को लेकर हम संवेदनशील है, इस बाबत दुनिया हम पर उंगली नहीं उठा सकती। see more http://khabar.ndtv.com/news/india/pm-modi-launches-air-pollution-index-752517
प्रधानमंत्री ने आज विज्ञान भवर ने एयर क्वॉलिटी इंडेक्स लॉन्च किया। अभी 10 बड़े शहरों के लिए यह लॉन्च किया गया है। लेकिन, सितंबर तक 46 और शहर जुड़ जाएंगे। 10 लाख की आबादी वाले शहरों के लिए यह लॉन्च किया गया है।
पीएम ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा हफ्ते में 1 दिन साइकिल का प्रयोग करें। पूर्णिमा की रात को लाइट बंद करनी चाहिए। जहां उपभोग ज्यादा, वहां प्रकृति को नुकसान ज्यादा होता है। हमें चांदनी रात की खबर नहीं होती और हम प्रकृति से पूरी तरह कट गए हैं...। पौधे में जीवन है, यह बात तो हम सहस्त्रों सालों से मानते आए हैं। रीसाइकिल की बड़ी चर्चा है .. हम तो यही करते आए हैं..। हम अपनी लाइस्टाइल बदलने के लिए तैयार नहीं हैं। हालांकि हम सदियों से प्रकृति की रक्षा करते हुए आगे बढ़े हैं। ग्लोबलवार्मिंग को रास्ता नहीं मिल रहा है, प्रयास बाहरी कर रहे हैं। आज भी प्रति व्यक्ति कार्बन एमिशन में कम से कम कंट्रीब्यूशन हमारा है। गंगा की अपनी ताकत भी है सफाई की। शहर का पानी साफ हो और सिंचाई के लिए मिले। कचरे की रीसाइकलिंग जरूरी है और गांव के लिए पानी की रीसाइकलिंग कर सकते हैं शहर वाले। वेस्ट (waste) से वेल्थ निकालनी होगी। वेस्ट के साथ प्रयोग कर नया बिजनस खड़ा हो। शहरी जनसंख्या प्रकृति से कट गई है। पानी के लिए गांव शहर में संघर्ष हो सकता है। पानी का सही इस्तेमाल जरूरी है.. इसके लिए सहज समझ ही जरूरी है। प्रकृति के लिए हमें और सजग रहना होगा। इसके लिए हमें सौर ऊर्जा पर बल देने की जरूरत है। प्रकृति को लेकर हम संवेदनशील है, इस बाबत दुनिया हम पर उंगली नहीं उठा सकती। see more http://khabar.ndtv.com/news/india/pm-modi-launches-air-pollution-index-752517
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